बहेड़ा का पेड़ बहुत लम्बा और ऊंचा होता है| बहेड़ा का पेड़ लगभग 17 -से 32 फिट ऊँचा होता है| बहेड़ा पेड़ की छाल लगभग 2 से 2 .50 सेंटीमीटर चौड़ी होती है| बहेड़ा का पेड़ ज्यादातर पहाड़ी जगहों पर अधिक मात्रा में पाया जाता है| बहेड़ा के पत्ते बरगद की पत्ते की तरह होते है| बहेड़ा का पेड़ भारत देश में करीब -करीब सभी राज्यों में पाया जाता है| इसके पत्ते लगभग 10 सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर लम्बे और 5 सेंटीमीटर 8 सेंटीमीटर तक चौडे़ होते है| बहेड़ा का फल अंडाकार और गोल होता है यह फल 2 . 50 से 3 सेंटीमीटर तक का होता है | बहेड़ा की जड़ ,छाल, तथा फल सभी महतवपूर्ण औषधि है।
आईये जाने के आयुर्वेदिक चमत्कारी गुणों के बारे में
इसका स्वाद हल्का मीठा होता है , बहेड़ा एक गुणकारी औषधि है बहेड़ा का उपयोग कई बीमारियों में लाभकारी साबित होता है | शरीर में होने वाले जलन को बहेड़ा की मदद से ठीक किया जा सकता है और जिस किसी व्यक्ति को आँखों की समस्या हो तो बहेड़ा काफी लाभकारी माना गया है | यह कब्ज की समस्या को दूर करने में काफी फायदेमंद है और ये पीलिया में भी गुणकारी है| बहेड़ा बालो को झड़ने से रोकता है| आयुर्वेद के अनुसार कुष्ठ रोग में बहेड़ा बहुत ज्यादा लाभदायक माना जाता है |
बहेड़ा को अलग -अलग जगहों पर अलग -अलग नामो से जाना जाता है जैसे - हिन्दी में बहेड़ा ,संस्कृत में विभीतक ,इंग्लिश में बेलेरिक मिरोबोलम , मराठी में बहेड़ा, गुजरती में बहेड़ा ,बंगाली में बहेड़े ,कर्नाटक में तरिकायी,मलयालम में तात्रि कहा जाता है और भी भाषाओ में बहेड़ा को अलग -अलग नामो से जाना जाता है|
1. आँखो की समस्या में बहेड़ा का चमत्कारी फायदा
हमारे प्रदूषित भोजन करने से हमारी आँखो को काफ़ी नुक्सान पहुँचता है इसलिए आंखों की ज्योति को बढ़ाने के लिए हमे प्रकृतिक जड़ी बूटियों का उपयोग करना चाहिए। बहेड़ा हमारी आंखों की ज्योति को बढ़ाने में सहायक साबित होता है। इसका नियमित सेवन आँखों को अनेक बिमारियों से सुरक्षित रखता है |
2. श्वास या दमा रोग में बहेड़ा का फायदा
बहेड़ा बहुत ही गुणकारी औषधि है| अगर आपको खांसी है तो बहेड़ा आपके लिए लाभकारी औषधि साबित है| जिस किसी व्यक्ति को श्वास की परेशानी है तो वह बहेड़ा के छोटे छोटे टुकड़े करके चूस सकता है| इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति को साँस और दमा की बीमारी है तो उसको बहेड़ा एक चम्मच चूर्ण का सेवन १ गिलास बकरी के दूध के साथ सेवन करना लाभकारी हो सकता है ।
3. शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक
आज कल लोगो का खान- पान इतना बिगड़ गया है कि लोग शारीरिक कमजोरी का शिकार होते जा रहे है थोड़ा दूर पैदल चलने से थक जाना ,चकर आना जैसी गंभीर बीमारियां आने लगती है अगर बहेड़ा का सेवन किया जाये तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है|
1. हृदये रोग में बहेड़ा के फायदे
हृदये रोग को नष्ट करने में सबसे असरदार जड़ी-बूटी है| बहेड़ा शरीर के अंदर तीनों दोषों (वात ,पित्त और कफ ) को संतुलित करने वाला होता है परन्तु इस जड़ी -बूटी का प्रयोग कफ से होने वाली तमाम बीमारियों में सहायता प्रदान करता है| बहेड़ा त्रिफला के तीन फलो में से एक फल है| यह हृदय रोग में गुणकारी औषधि है |
1. शुगर में बहेड़ा से होने वाले फायदा
शुगर एक ऐसी बीमारी है जो की हर घर में दीमक की तरह फैल रही है| आज के समाज में लगभग 70 % लोगों को शुगर की समस्या से ग्रसित हैं।
बहेड़ा शुगर के कीटाणुओं से लड़ने में काफी मदद करता है| बहेड़ा, रोहिणी, कुटज, सप्तपर्ण तथा कबीला के फूलों को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इसे 2 से 3 ग्राम की मात्रा में लेकर 1 चम्मच मधु मिलाकर सेवन करें। इससे पित्त विकार के कारण हुए डायबिटीज में लाभ होता है। बहेड़ा का सेवन आपके शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को कम कर शुगर को संतुलित बनाए रखता है
बहेड़ा के गुणों का अत्यधिक लाभ प्राप्त करने के लिए आपको वैद्य से परामर्श आवश्य करना चाहिए
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